तो सफेद कफन में लिपटा हुआ मुर्दा भी सुलतान मिर्ज़ा होता। कितनी भी सजा दो काफी नहीं होती, कुछ गलतियां ऐसी होती है जिनकी माफी नहीं होती।
तो सफेद कफन में लिपटा हुआ मुर्दा भी सुलतान मिर्ज़ा होता। कितनी भी सजा दो काफी नहीं होती, कुछ गलतियां ऐसी होती है जिनकी माफी नहीं होती।